Plan Do Check Act (PDCA) सेफ्टी प्रोफेशनल्स अक्सर आमतौर पर या सामान्य रूप से इन शब्दों को सुनते हैं लेकिन कार्यस्थल (साइट) पर दुर्घटनाओं की जांच करते समय इन शब्दों को सुनना बहुत ही विचलित करता है। हम जानते हैं कि दुर्घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब परिस्थितियां सामान्य या सामान्य से बाहर हों।
हम यह भी जानते हैं कि इंसान और मशीनें खराब हो सकती हैं इसलिए साइट पर हमेशा ऐसे हालात रहेंगे जो सामान्य से बाहर हैं। वास्तव में एक अच्छी और नई सुरक्षा व्यवस्था के तरीके इस विचार पर आधारित होते हैं कि हमें विफलताएं मिली तो हम सोच लेते हैं कि हमारी नाकामयाबी हो गई।
परिणाम के रूप में हमें नाकामयाबी को पहचानने और संभल कर कार्य करने तथा हमारे कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने के लिए जब नाकामयाबी होती हैं तो हमें अस्त व्यस्त व्यवस्थाओं की देख रेख की जरूरत होती है। इन व्यवस्थाओं में ऐसे कारकों का पता होना चाहिए जिनमें यांत्रिक और संरचनात्मक (तकनीकी), व्यवहारिक, मानव और कार्य संपर्क (सामाजिक तकनीकी), सांस्कृतिक (संगठनात्मक और व्यक्तिगत -दोनों एक साथ), और कठिन व्यवस्थाएं आदि आदि का जानना बहुत जरुरी है।
जैसे-जैसे हम व्यवस्थाओं को प्रबंधित करते जाते हैं, हमारी व्यवस्था की सुरक्षा को नियंत्रित करने के लिए हमारे द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रबंधन व्यवस्थाएं भी जटिल होती जा रही हैं।
चीजें हम से दूर हो जाती हैं और हमें (आमतौर पर दुर्भाग्यपूर्ण) हैरानी मिलती है। इससे हमारे सेफ्टी मैनेजमेंट की व्यवस्था को अच्छे और सुंदर ढंग से मैनेज करने की चुनौती सामने आती है।
कार्यस्थल पर हो रही दुर्घटनाओं के माध्यम से सीखना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि लोग वह कार्य नहीं कर रहे हैं जो हमने सोचा और प्लान किया। इस मामले में खतरे हमारे सामने खड़े हो जाते हैं और दुर्घटनाएं खुद हमें जानकारी देना बंद कर देती हैं
यदि पीडीसीए आपकी सुरक्षा व्यवस्थाओं के सही नियंत्रण के लिए बनाया गया है तो इससे दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है और ये PDCA निश्चित रूप से सुरक्षा व्यवस्थाओं को कंट्रोल कर सकता है। अगर हम इस सुरक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता को एकीकृत करते हैं तो हम साइट मैनेजमेंट से सुरक्षित कार्य प्रणाली की उम्मीद कर सकते हैं।
PLAN– पीडीसीए साइकिल की इस योजना चरण में निम्नलिखित उद्देश्य के चयन और उन्हें प्राप्त करने के तरीकों को चुनना शामिल है: कार्य स्थल को देखना, ऑडिट, ट्रेनिंग, पॉलिसी और प्रोसीजर, रिवॉर्ड प्रोग्राम और मीटिंग को शामिल किया जा सकता है। इस चरण को हम कह सकते हैं कि हम क्या क्या करेंगे और कैसे करेंगे।
DO – DO साइकिल के इस चरण में हमारी प्लानिंग से प्राप्त तरीकों को विधिवत तरीके से कार्य करना शामिल है। शुरुआत में इसके कुछ प्रयोग की आवश्यकता पड़ सकती है, लेकिन इसका परिणाम यह होता है कि हम ऐसा करेंगे जो हमने प्लानिंग किया था।
CHECK – यह प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन अक्सर अनदेखी की जाती है। यह कदम इस बात की मजबूती दिखाता है कि हम वही कर रहे हैं जो हमने प्लान किया हैं। हर एक किये जाने वाले कार्य में कुछ अलग – अलग तरीके से कार्य शुरू करना होता है लेकिन संभल कर नहीं करने से, कई प्रकार की ओर लापरवाही बढ़ जाती है जिससे दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है।किसी घटना के दौरान सुरक्षा कर्मियों को यह जानकर आश्चर्य होता है कि इस प्रक्रिया का पालन मैनुअल में की गई प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है। इस प्रकार के आश्चर्यों से बचने के लिए हमें हर जगह की जांच करना आवश्यक है।
ACT – एक्ट चरण में होते हुए कार्य को देखने की प्रक्रिया शामिल है जिसमें हमने जो कार्य करने का सिस्टम बनाया है उसमें ओर क्या अन्य सुविधाजनक और सुरक्षित स्थिति कर सकते हैं, इसी तरह की पढ़ाई की जाती है। किस तरह का क्या बदलाव करना होगा तो यह योजना (Plan) चरण में परिवर्तन प्रदान करता है। एक्ट चरण यह पक्का निश्चय करता है कि सेफ्टी मैनेजमेंट की व्यवस्था में सुधार जारी रहे। व्यवस्थाओं की देख रेख का सारा ब्यौरा मैनेजमेंट और काम की देखभाल करने वालो की मीटिंग करके ही निष्कर्ष निकाला जाता है। किस तरह का परिवर्तन करना है उसको कार्य की विभिन्नता में शामिल करना होता है।