जब कभी किसी ज्यादा पावर वाली मशीन, उपकरण, साधन इत्यादि पे काम करना होता है तो लॉक आउट टैग आउट का इस्तेमाल किया जाता है। लॉक आउट टैग आउट एक ऐसी प्रक्रिया है कि अगर चालू मशीन व उपकरणों पर कोई मेंटेनेंस का काम करने से पहले लॉक आउट टैग आउट ना किया जाए तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। फैक्ट्री या कंस्ट्रक्शन साइट में संभावित ऊर्जा उपकरण/ मशीन कई प्रकार के होते हैं जैसे इलेक्ट्रिकल एनर्जी, मेकेनिकल एनर्जी, हाईड्रोलिक एनर्जी, नुमेटिक एनर्जी, केमिकल एनर्जी, थर्मल एनर्जी, रेडिशन एनर्जी, इत्यादि, यह सभी एनर्जी सोर्स अगर काम के समय आइसोलेट ना किए जाएं तो खतरनाक हो सकते हैं। लॉक आउट टैग आउट द्वारा सभी संभावित ऊर्जा स्रोतो को विधिवत तरीके से, लिखित में परमिशन लेने के बाद वास्तविक रूप से बंद किया जाता है। लॉक आउट टैग आउट व ट्राई आउट का उपयोग करने वाले सभी श्रमिकों और अधिकारियों को इससे जुड़ी सब बातों का जानना बहुत जरूरी है। आइए जानें लॉक आउट टैग आउट व ट्राई आउट से जुड़ी कुछ बातें।
- फैक्ट्री व साइट पर अच्छी तरह से निरीक्षण करके सभी तरह के एनर्जी और पावर वाले उपकरणों का पता करके एक लिस्ट बनाकर इनकी नंबरिंग करनी चाहिए। मेंटेनेंस का कार्य कहां पर किया जायेगा, इसके हिसाब से किन-किन एनर्जी या पावर वाले उपकरणों का आइसोलेशन करना है उसे निर्धारित करके प्रमाणित करना चाहिए। किसी मशीन या पावर वाले उपकरणों में कोई अलग से मॉडिफिकेशन होने के बाद अगर एनर्जी सोर्स में परिवर्तन आता है तो उसे अपडेट करना न भूलें।
- सभी पावर वाले उपकरणों को आइसोलेट करने की सही व्यवस्था होनी चाहिए। अगर आइसोलेशन करने का जुगाड़ नहीं है तो मॉडिफिकेशन करके व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहिए।
- लॉक आउट का मतलब होता है, मशीन, उपकरण इत्यादि को संभावित ऊर्जा स्रोतों से अलग करना तथा बची हुई ऊर्जा या पावर अगर कोई है तो उसे भी निकाल देना है। और साथ में आइसोलेशन पॉइंट को ताला लगाकर और फिर उस पर टैग लगाकर सुरक्षित करना होता है।
- आइसोलेशन का मतलब होता है, किसी मशीन, उपकरण, इत्यादि जिस पर कार्य करना हो, उसे सभी संभावित ऊर्जा स्रोतों से इस तरह अलग करना कि यह तभी चालू हो जब कार्य पूरा हो जाए और चलने के समय पर ही चलाई जा सके जाए। मतलब लॉक आउट टैग आउट का अच्छे से पालन करना होता है।
- सामान्यतया लॉक पॉइंट्स कई प्रकार के होते हैं जैसे वाल्व, स्विच कंट्रोल, हाईड्रोलिक आदि आदि।
- कभी कभी मशीन, उपकरण का आइसोलेशन (लॉक आउट टैग आउट) करने के बाद भी संग्रहित ऊर्जा (स्टोर्ड एनर्जी) बनी रह सकती है और खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसी ऊर्जा का भी कार्य करने से पहले चेक कर लेना चाहिए और सही लॉक आउट टैग आउट करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर यह ऊर्जा कई प्रकार की होती है जैसे स्प्रिंग, फ्लाई व्हील, दवा में कोई द्रव्य या गैस, कैपेसिटर, गुरुत्वाकर्षण, ऊंचाई पर कोई भार, ब्लोअर, फेन आदि आदि।
- आइसोलेशन पॉइंट पर अचे से लिखकर एक टैग लगाना चाहिए जिससे पता चल सके की किसने लॉक लगाया है। लॉक आउट टैग आउट करने के लिए विभिन्न युक्तियां प्रयोग की जाती है जैसे लॉक, टैग, चेन, ग्रुप आइसोलेशन बॉक्स इत्यादि।
- लॉक की हर एक डिपार्टमेंट के लिए अलग अलग कलर कोडिंग की गई है जैसे लाल – इलेक्ट्रिकल, पीला – मेकेनिकल, काला – प्रोसेस, नीला – इंस्ट्रूमेंट, हरा – अन्य डिपार्टमेंट के लिए।
- जब किसी काम में एक से अधिक एजेंसी, आदमी, कॉन्ट्रेक्टर, ऊर्जा स्रोत शामिल हो तब ग्रुप आइसोलेशन करना चाहिए।
- आइसोलेशन करने के लिए कई तरीके होते हैं जैसे रेक आउट, फ्यूज निकालना, डमी लगाना, स्लिप प्लेट लगाना, वाल्व बंद करना, लकड़ी का गुटका लगाना।
- आइसोलेशन करते समय अगर कैटेगरी-1 मैटेरियल है जैसे एसिड कास्टिक, ज्वलनशील द्रव्य, उच्च दाब वाले भाग, जहरीले मैटेरियल, रेडिएशन उच्च दाब व ताप की स्थिति, तब डबल ब्लॉकिंग करना चाहिए।
- आइसोलेशन करते समय अगर कैटेगरी-2 के मैटेरियल है तब कम से कम एक वाल्व बंद करना चाहिए।
- कंट्रोल वाल्व तथा चेक वाल्व से आइसोलेशन नहीं करना चाहिए। पॉजिटिव शट ऑफ वाल्व से आइसोलेशन किया जा सकता है।
- लॉक आउट टैग आउट करने के बाद फील्ड में, ट्राई आउट करके ही काम चालू करना चाहिए। ट्राई आउट करते समय मशीन उपकरण पर कोई आदमी,मैटेरियल इत्यादि नहीं होना चाहिए।
- लॉक और टैग उन्हीं ने ही निकालना चाहिए जिन्होंने इनको लगाया है।
- लॉक आउट टैग आउट का काम वही करें जिनको कंपनी की तरफ से अधिकृत किया गया है।
- इलेक्ट्रिकल पैनल में किसी ड्राइव का लॉक आउट टैग आउट करने से पहले सुनिश्चित कर ले की ड्राइव बंद है नहीं तो फ्लैश होने का खतरा रहता है।
- जब कभी किसी काम में ऊर्जा स्रोतों को लॉक आउट टैग आउट करने की जरूरत है तो उसे परमिट में सही तरीके से साफ-साफ लिखें। और लॉक आउट टैग आउट- ट्राई आउट होने के बाद ही काम करें।