सीमित स्थान एक ऐसा बंद स्थान है जो कि आदमी के शारीरिक रूप से घुसने व काम करने के लिए पर्याप्त साइज़ का होता है। ऐसे स्थान में आने जाने के रास्ते सीमित व प्रतिबंधित होते हैं। और ऐसे स्थान लगातार व बिना किसी सावधानी के मानवीय कामकाज के लिए नहीं होते हैं। ऐसे स्थानों में दूषित वातावरण, जहरीली गैस, ज्वलनशील वातावरण व कम ऑक्सीजन की उपस्थिति के होने की संभावना हो सकती है।
कंस्ट्रक्शन साइट व कारखानों में सीमित स्थान में काम करते समय किसी के दम घुटने, अचानक सामान के गिरने, हमारे कार्य से सम्बंधित मशीन के अचानक चलने, ऊपर से गिरने, किसी तरह की गैस या केमिकल का रिसाव होने जैसे तमाम अन्य कारणों से बड़ी-बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। कभी कभी कन्फाइंड स्पेस में दुर्घटना के बाद राहत व बचाव कार्य में राहत व बचाव कर्मियों की जान का भी खतरा होता है।
कंस्ट्रक्शन साइट व कारखानों में हम लोग बहुत से ऐसे काम करते हैं जो कन्फाइंड स्पेस की कैटेगरी में आते हैं जैसे साइक्लोन, मिल, वायलर, फर्नेस, ई एस पी, साइलो, किलन, कूलर, बिन, डस्ट, सीवेज चैम्बर, चिमनी, हॉपार, वेसेल, सम्प, टनल, इत्यादि में काम करना कन्फाइंड स्पेस की केटेगरी में आता है
कन्फाइंड स्पेस के अंदर वही व्यक्ति काम करे व घुसे जो ऐसे काम करने के लिए प्रशिक्षित हो और स्वास्थय से अच्छा हो।
कनफाइंड स्पेस में जाने के लिए सुपरवाइजर की जिम्मेदारी होती है कि वह सभी खतरों व जोखिमों को ध्यान में रखकर सुनिश्चित करें कि कन्फाइंड स्पेस घुसने के लिए सुरक्षित है।
सुपरवाइजर की जिम्मेदारी होती है कि वह कन्फाइंड स्पेस सुपरवाइजर से बात करके परमिट में लिखी सावधानियों को समझे और साथ मिलकर लिखे और उचित सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करे।
कन्फाइंड स्पेस में जाने वाले सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि वह परमिट में लिखी कंडीशन को समझे तथा उनका पालन करे।
कन्फाइंड स्पेस अटेंडेंट की जिम्मेदारी है कि वो कन्फाइंड स्पेस के बाहर रहकर कन्फाइंड स्पेस के अंदर एंट्री को कंट्रोल करे। तथा अंदर काम करने वाले लोगों से संपर्क में रहे व नजर रखे। आने और जाने वाले सभी अधिकारियों और वर्कर्स के नाम लिखे। किसी आपातकाल स्थित में तुरंत राहत व बचाव दल को बुलाए।
जहां कन्फाइंड स्पेस के अंदर काम करने के लिए उचित वातावरण नहीं है, तो फोर्स वेंटीलेशन की व्यवस्था करें। ऑक्सीजन गैस का वेंटिलेशन करने में इस्तेमाल करना खतरनाक होता है। ऐसा ना करे। हवा का उपयोग करे। गैस टेस्टिंग करते समय, पहले ऑक्सीजन की मात्रा नापे, फिर ज्वलनशील गैस और बाद में जहरीली गैस की मात्रा ले।
कन्फाइंड स्पेस के अंदर वातावरण तब सही माना जाता है जब उसके अंदर गैस की मात्रा इस प्रकार है। ऑक्सीजन – 19.5% से 21.5% के बीच में, एल ई एल – शून्य, जहरीली गैस की मात्रा – 50% टी एल वी – टी डब्ल्यू ए से कम।
कन्फाइंड स्पेस के अंदर काम के दरमियान, नियमित अंतराल पे गैस टेस्टिंग करके, अंदर के वातावरण के बारे में स्थिति का पता करते रहे। और कभी भी अंदर घुसने से तुरंत पहले ही गैस टेस्टिंग करे। जब कन्फाइंड स्पेस बड़ा व ऊंचा हो तो दो-तीन जगहों पे गैस टेस्टिंग करना चाहिए।
कन्फाइंड स्पेस में काम करते समय 24 वोल्ट हेंड लैंप का इस्तेमाल करे।
गैस सिलिंडर, वेल्डिंग मशीन को कन्फाइंड स्पेस के अंदर ना रखे। इससे खतरा हो सकता है।
असाधारण परिस्थितियों में, कन्फाइंड स्पेस के अंदर जब ऑक्सीजन की मात्रा जरूरत के हिसाब से कम है तो बिना ब्रीथिंग उपकरण के ना घुसे।
कन्फाइंड स्पेस मैं काम करते समय, काम के लिए जरूरी पी पी ई जैसे चश्मा, हैंड ग्लव्स, सेफ्टी हेलमेट, हार्नेस, सेफ्टी शूज इत्यादि का इस्तेमाल करे।
आइए जानते हैं की कन्फाइंड स्पेस में काम को सुरक्षित ढंग से करने के क्या-क्या नियम हैं:
कन्फाइंड स्पेस के मुख्य रस्ते के अंदर जैसे ही शरीर का कोई अंग जाता है तो कन्फाइंड स्पेस के नियम लागू हो जाते हैं और फिर हम कन्फाइंड स्पेस की सीमा में आ जाते हैं।
सभी कन्फाइंड स्पेस के नंबरिंग होनी चाहिए तथा एक चेतावनी बोर्ड लगा होना चाहिए कि यह कन्फाइंड स्पेस है और इसमें बिना परमिट के प्रवेश वर्जित है।
सभी कन्फाइंड स्पेस के लिए एक प्रोसेस फ्लो डायग्राम (नियमानुसार चार्ट) होना चाहिए जिससे की हमें पता लग सके कि अंदर घुसने से पहले कौन-कौन से एनर्जी पॉइंट पे लॉकआउट टैग आउट करना है।
कभी भी किसी भी कन्फाइंड स्पेस में बिना परमिट लॉक आउट टैग आउट ट्राई आउट के बिना काम ना करें और ना ही अंदर घुसे।
कन्फाइंड स्पेस के अंदर घुसकर तभी काम करें जब उस काम के दौरान किसी दुर्घटना से बचाव के उपाय तैयार न किये हों (रेस्क्यू टीम का अर्रेंजमेंट)।
अगर कन्फाइंड स्पेस में इनमें से कोई भी कंडीशन पाई जाती है तो उचित सावधानी व रिस्क एसेसमेंट करके ही अंदर घुसने की अनुमति देनी चाहिए, जैसे:-
अंदर का वातावरण दूषित खतरनाक हो, चाहे वो अंदर के मटेरियल की वजह से या फिर अंदर होने वाले कामों की वजह से।
वहाँ पड़े हुए सामान व इस्तेमाल होने वाले सामान से रास्ता बंद (ब्लॉक) होने का खतरा हो।
जगह की बनावट ऐसी हो जहां कोई फस सकता है या दम घुट सकता हो।
कन्फाइंड स्पेस में केमिकल, गैस, करंट लगने जैसे खतरे हों।
और अन्य कोई सुरक्षा व स्वास्थ्य के खतरे।
कन्फाइंड स्पेस में काम करने के प्रबंधन के लिए कुछ जरुरी बातें:
पता करे कि किस जगह कन्फाइंड स्पेस परमिट लेना है।
रिस्क एसेसमेंट करके खतरों की पहचान करे।
कौन-कौन अंदर काम के लिए जाएगा।
अंदर काम करने वालों का सही से ट्रेनिंग करना।
सबको अपनी अपनी जिम्मेदारी समझाए।
रेस्क्यू प्लान की व्यवस्था व लोगों में इसकी जानकारी।
कन्फाइंड स्पेस में काम करने से पहले तैयारी के लिए कुछ जरुरी बातें:
कन्फाइंड स्पेस पर अनाधिकृत प्रवेश वर्जित का चेतावनी बोर्ड लगाए।
कन्फाइंड स्पेस में होने वाले काम का रिस्क एसेसमेंट करे।
कन्फाइंड स्पेस को सभी संभावित ऊर्जा स्रोतों से आइसोलेट करके लॉक आउट टैग आउट करे।
कन्फाइंड स्पेस के अंदर के वातावरण की साफ सफाई।
कन्फाइंड स्पेस के अंदर गैस टेस्ट करे तथा पता लगाए की यह काम के लिए सुरक्षित है या नहीं।
कन्फाइंड स्पेस में काम करने के लिए उचित सामान, साधन, संसाधन आदि आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
किसी आपातकाल स्थिति के लिए रेस्क्यू प्लान की तैयारी बहुत जरुरी है।