संजीव मलिक। कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट या फैक्ट्री में वैसे तो खतरे हर जगह और हर काम में मिलेंगे। सुरक्षा विभाग अगर अपने सुझाव, सेफ्टी ऑब्जरवेशन और ट्रेनिंग के माध्यम से मैनेजमेंट का ध्यान केंद्रित न करे तो कंस्ट्रक्शन साइट पर खतरे ही खतरे दिखेंगे। लेकिन हम जिस खतरे की बात कर रहे हैं उसको एकदम से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है।
साइट पर नया वर्कर और पुराना वर्कर स्वम अपने आप में खतरा हैं। सबसे पहले बात करते हैं नए वर्कर की। जब वह काम करने के लिए आता है तो उसको साइट पर किन सुरक्षा नियमों का पालन करके काम करना होता है, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। सुरक्षा नियमों का पालन करना धीरे धीरे ही नया वर्कर सीखता है। सेफ्टी इंडक्शन के दौरान बताये गए सभी नियम एक बार में याद करना मुश्किल होता है। सुरक्षा नियमों के पालन करने का अभ्यास धीरे धीरे होता है और इसके लिए सुरक्षा विभाग को नए वर्कर के लिए जागरूक रहना होगा और उसके सुपरवाइजर को काम शुरू करने से पहले एक बार जरूर समझाना होगा कि काम को कैसे सुरक्षित करना है। HR डिपार्टमेंट और साइट टीम को नए वर्कर के बारे में सुरक्षा विभाग को अवगत कराना जरूरी है। नए वर्कर को समझाना और खतरों से अवगत कराना ही सबसे बेहतर दुर्घटना को रोकने का उपाय है।
अब हम बात करते हैं पुराने वर्कर की जो सब खतरों और नियमों को जानता है लेकिन वह अत्यधिक आत्मविश्वास से काम करता है। जब वह साइट पर काम करता है तो सुरक्षा नियमों का उलंघन करता है। उसे अपने आप पर पूरा विश्वास है कि मुझे सुरक्षा के सभी नियम पता हैं तो मुझे कुछ नही हो सकता। इस अत्यधिक आत्मविश्वास की वजह से सुरक्षा नियमों का पालन न करने से दुर्घटना हो जाती है।
आप सभी को ज्ञात होगा कि कंस्ट्रक्शन साइट पर हर काम अस्थायी होता है जिसकी वजह से खतरों का होना स्वाभाविक है। इसीलिए सुरक्षा विभाग का बहुत बड़ा महत्व कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में होता है।
कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट पर इन दो लोगो के खतरे को हम एकदम से निष्कासित नही कर सकते। नए वर्कर को हम धीरे-धीरे ट्रेनिंग करके समझा कर उसको सुरक्षा नियमों का पालन करना सिखाते हैं और पुराने वर्कर को बार बार गलत करने पर पनिशमेंट देना जरुरी है और इसके साथ साथ सच्ची घटनाओं पर आधारित उदाहरण देकर समझाना होता है। वर्कर के साथ अत्यधिक कठोरता से बात नहीं करना चाहिए अन्यथा सुरक्षा विभाग के प्रति उसके दिल में हीन भावना पैदा हो जाती है जिसकी वजह से वह डरा डरा सा रहेगा। दुर्घटनाओं को वर्कर्स की ट्रेनिंग करके, उनको समझाकर और न मानने पर पनिशमेंट देकर ही रोका जा सकता है। सुपरवाइजर और स्टाफ के साथ सुरक्षा विभाग का तालमेल स्पष्ट और लिखित रूप में होना चाहिए अन्यथा आपका काम कभी दिखाई नहीं देगा ।